Add To collaction

NIGHT WALKERS.

अजनबी से मुलाक़ात...

" त ss त ss तुम कौन हो... और इस तरह से यहां इस सन्नाटे की बस्ती में अकेले क्यूं भटक रही हो... तुम्हारे सिर पर ये चोट कैसे लगी," कार्टर आश्चर्य में अटकते हुए शब्दों से शुरुआत करके उस युवती के सामने सवालों की झड़ी लगा देता है। 

" एक मिनट ss एक मिनट... तुम सवाल बहुत पूछते हो, पहले मुझे कुछ पीने के लिए दो... मैं बहुत देर से प्यासी भटक रही हूं इस मनहूस बस्ती में, तो ज़रा सज्जन व्यक्ति का सबूत दिखाते हुए कुछ पीने के लिए दो," वह युवती कार्टर के सवालों को सुनकर अपनी प्रतिक्रिया दिखाते हुए कहती है। 

" हां ss हां, क्यूं नहीं... मेरे पास बहुत खाने पीने की चीज़ें हैं, जो मैंने उस डिपार्टमेंटल स्टोर से उठा ली थीं... पेप्सी से तुम्हारे प्यास बुझाने की शुरुआत की जाए या बियर पीना पसंद करोगी," कार्टर ने उस युवती की बातों को सुनकर उससे पूछा।

" मैं बियर पीना पसंद करूंगी, क्यूंकि चलते चलते काफ़ी थक चुकी हूं... बियर से थोड़ी थकान दूर होगी और अगर चिप्स का भी पैक है, तो उसे भी फाड़ने की थोड़ी कृपा करना ... अकेले अकेले खाओ पियोगे तो तुम्हारे पेट में दर्द होगा," उस युवती ने कार्टर की बातों को सुनकर अपनी प्रतिक्रिया दिखाते हुए उसे आदेश दिया।

" अरे वाह भई वाह... तुम तो मुझसे बड़ी वाली बेवड़ी निकली, ख़ैर ये लो बियर और ये चिप्स का पैकेट... यहीं बैठकर आराम से खा लो और पहाड़ी की इस सुंदर शाम के नज़ारे का मज़ा ले लो," कार्टर ने अपने पॉली बैग से बियर का केन और चिप्स का पैकेट निकालकर ,उस युवती की ओर बढ़ाते हुए उससे कहा।

" शुक्रिया मिस्टर, वैसे तुम यहां क्या कर रहे हो, मैं काफ़ी देर से तुम्हारा पीछा कर रही थी ... मुझे ये तो पता चल गया कि तुम भटके हुए हो, लेकिन तुम यहां पहुंचे कैसे," उस युवती ने कार्टर का शुक्रिया अदा करते हुए कहा और फिर उसके बगल में बैठकर बियर का केन खोलकर उससे पूछा। 

" अब मुझे ये तो याद नहीं है कि मैं यहां कैसे पहुंचा... न ही ये याद है कि मेरे सिर पर ये गहरा ज़ख़्म कैसे लगा, बस मैंने जब अपनी आंखे खोली तो ख़ुद को इन इलाकों के एक कोने में ज़मीन पर पड़ा हुआ पाया," कार्टर ने उस युवती के प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा।

"ओ ss ह, तो इसका मतलब ये है कि तुमने जब अपनी आंखें खोली, तो खुद को यहां पर मौजूद पाया... क्या तुम्हें अपना नाम याद है या पुरानी यादें जिनसे तुम काफ़ी क़रीब हो," उस युवती ने कार्टर की बातों को सुनकर अपनी प्रतिक्रिया दिखाते हुए पूछा।

" हां ss हां, मुझे अपना नाम याद है... मेरा नाम जॉन कार्टर है और मैं लदंन का रहने वाला हूं... मगर इसके बीच का कुछ भी याद नहीं है, मेरे साथ क्या हुआ था जो मैं इस सन्नाटे की बस्ती तक पहुंच गया... वैसे तुम्हारा नाम क्या है," कार्टर ने अपना परिचय देते हुए उस युवती से उसका नाम पूछा।

" मेरा नाम मैडलीन है और मैं नॉटिंघम की रहने वाली हूं... मुझे भी बस इतना ही याद है, आज सुबह जब मैंने अपनी आंखें खोली तो ख़ुद को अपने घर से दूर, ख़ून से लथपथ इन पहाड़ियों के एकांत क्षेत्र में पाया... ख़ुद को उस इलाके में सुरक्षित न पाकर मैं अागे बढ़ने लगी और तब जाकर मुझे इन्सानों की बस्ती नज़र अाई, लेकिन जब उस बस्ती में पहुंची तो वहां सन्नाटे के अलावा, कुछ भी न था... तभी अचानक उस डिपार्टमेंटल स्टोर के पास दिखे और एक उम्मीद की किरण नज़र आई, बस तब से मैं तुम्हारा पीछा कर रही हूं," मैडलीन ने कार्टर की बातों को सुनकर अपना परिचय देते हुए सारी जानकारी दी, जिसे सुनकर कार्टर कुछ देर के लिए गहरी चिंता में डूब जाता है। 

" कमाल की बात है नहीं, हम दोनों को ये याद नहीं है कि हमारे साथ क्या हुआ और हम यहां तक कैसे पहुंचे... आख़िर है कौन वो शख़्स जिसने हमारे सिर पर इतनी नपी तुली चोट दी की पिछली कुछ बातें छोड़कर हमें बीच का कुछ भी याद नहीं है... आख़िर हमसे किसी की क्या दुश्मनी हो सकती है," कार्टर ने अपनी ख़ामोशी तोड़ते हुए  आश्चर्य के भाव प्रकट करते हुए कहा। 

" वैसे तुमने जब अपनी आंखें खोली तो इन पहाड़ियों के किन क्षेत्रों में ख़ुद को पाया," मैडलीन ने कार्टर की बातों को सुनकर अपनी प्रतिक्रिया दिखाते हुए उससे पूछा। 

" मैंने तो अपनी आंखें खोलने पर ख़ुद को इन इलाकों के पूर्वी क्षेत्र में पाया, जहां से चलते चलते इन इलाकों तक पहुंचा हूं... पर फ़िर भी यहां पहुंचकर निराशा ही हाथ लगी, क्यूंकि यहां से कुछ दूर उस सन्नाटे की बस्ती में एक भी इन्सान के होने का कोई सबूत नहीं मिला, इसलिए तुम्हें देखकर मैं चौंक कर रह गया," कार्टर ने मैडलीन के सवाल का जवाब देते हुए उसे जानकारी दी। 

" ये वाकई हैरत की बात है, क्यूंकि मैंने ख़ुद को इन इलाकों के पश्चिमी क्षेत्र में पाया, जहां से मैं पैदल चलकर यहां तक पहुंची और फिर तुम्हें देख कर, तुम्हारा पीछा करने लगी... हम दोनों की कहानी कितनी मिलती जुलती है, बस हम लोगों इन इलाकों के अलग अलग क्षेत्रों में पाए गए... संभवतः एक दूसरे से मिलना कोई संजोग नहीं है, किसी ने जानबूझकर हमारे साथ ऐसा किया है," मैडलीन ने कार्टर की बातों को सुनकर अपनी राय प्रकट करते हुए कहा।

" बात तो तुम्हारी सही है... हम दोनों अपने आप तो यहां तक पहुंचे नहीं हैं, तो फ़िर आख़िर वो कौन है जो हमें यहां इतनी दूर तक उठाकर लाया है... कमबख्त कुछ याद भी नहीं आ रहा है कि पिछली रात क्या हुआ था, अगर कुछ याद आ जाता तो यहां इतनी उलझन में हर एक पल न बीत रहा होता... पता नहीं वो कौन सा मनहूस पल होगा कि जब मैं यहां पहुंचा," कार्टर ने मैडलीन की बातों को सुनकर अपनी प्रतिक्रिया दिखाते हुए कहा।

" अब कोसकर क्या फ़ायदा, अब तो ये सोचने का वक़्त है कि हमें यहां लाने वाला, आख़िर हमसे क्या चाहता है और उस सन्नाटे की बस्ती का क्या राज़ है... हम अगर किसी मुसीबत में घिरे हुए हैं, तो आख़िर वो मुसीबत कितनी बड़ी व शक्तिशाली है... हमें इन सभी चीज़ों के बारे में सोचना चाहिए इस वक़्त," मैडलीन ने कार्टर की बातों को सुनकर अपना सुझाव देते हुए उससे कहा और फिर अपने बियर के केन को होठों से लगा कर दो तीन घूंट अपने हलक में उतार, अपना सूखा गला तर करने लगी। 
TO BE CONTINUED...
©IVANMAXIMUSEDWIN.

   1
1 Comments

Reena yadav

14-May-2024 11:23 PM

Nice....

Reply